
मीठे व पवित्र धागों का है यह संबंध
आ गया है रक्षाबंधन ||
भाई बहन को देता है ढेरों उपहार
ऐसा है यह राखी का त्यौहार ||
भारतीय लोगों के अनेक प्रसिद्ध त्योहारों में से रक्षाबंधन भी एक प्रमुख त्योहार है यह त्यौहार इतना पावन और प्रसिद्ध है कि इसे भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी पूर्ण उत्साह से मनाया जाता जैसे ही हम इस त्यौहार के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में भाई बहन के पवित्र रिश्ते से संबंधित अनेक तरह की मीठी और सुनहरी यादें प्रफुल्लित होने लगती हैं
बिरंगी और मीठी और पवित्र यादें हर किसी के मन को अपनी और आकर्षित करती है यह त्यौहार सामान्य रूप से भारत में प्रतिवर्ष सावन माह में मनाया जाता है इस त्यौहार को हम सलूनो, राखी जैसे नामों से भी जानते हैं
प्राचीन समय से ही यह त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि हिंदू धर्म के ग्रंथों, रचनाओं, कविताओं में इस पवित्र और पावन त्योहार का वर्णन देखने और पढ़ने को मिलता है
इस त्योहार के आने से हमारे आसपास का वातावरण बहुत ही सुंदर और मनमोहक हो जाता है और सभी के मन में इस त्यौहार को लेकर प्रसन्नता और खुशी का अनुभव देखने को मिलता है
जैसे ही रक्षाबंधन का त्योहार समीप आता है हमारे आस पास समाज में बाजारों, गलियों में राखी, मिठाइयां और उपहार से सजी दुकानें व स्टॉल देखने को मिलते हैं बाजार में सभी बहन भाई व रिश्तेदार इस प्यारे और पवित्र पर्व को मनाने के लिए सुंदर वस्त्र उपहार, राखी और मिठाइयां लेने जाते हैं जिस कारण हमारे आसपास का क्षेत्र और बाजार का माहौल और भी आकर्षक और मनमोहक लगता है
भारत में यह सुनहरा और पवित्र त्यौहार प्रतिवर्ष जुलाई या अगस्त के महीने मे मनाया जाता है दूसरे शब्दों में कहे तो इस पर्व को सावन के महीने में पूर्ण उत्साह से मनाते हैं इस दिन सभी के चेहरों पर एक अनोखी सी चमक देखने को मिलती है और सभी के चेहरे प्रसन्नता से खिले रहते हैं
इस दिन सभी बहने अपने प्यारे भाइयों को स्वादिष्ट मिठाइयां खिलाती हैं और सुंदर सुंदर राखियां बांधती हैं व उनकी कलाई की शोभा बढ़ाती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देकर, कीमती और सुंदर उपहार देते हैं
रक्षाबंधन के यह कच्चे धागे भाई बहन के रिश्ते को इतना प्यारा और प्रसिद्ध बनाते हैं कि यह रिश्ता अटूट, पवित्र और अद्वितीय कहलाता है इस दिन सभी बहने प्रातः स्नान कर ईश्वर की आराधना करती हैं और भविष्य के लिए अपने भाई की दीर्घायु और सफलता की कामना करती हैं यही कारण है कि यह त्यौहार इतना पवित्र माना जाता है
यह सुनहरा पर्व भाई-बहन के बचपन के खेल, झगड़े और प्यार को दर्शाता है इस त्यौहार का सामाजिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी है पुराने समय से ही भारत में यह त्यौहार मनाया जा रहा है
इस दिन का सबसे यादगार और प्यारा पल होता है जब बहन ईश्वर की प्रार्थना के पश्चात अपने भाई के माथे पर तिलक करती है और उसे राखी बांधकर प्रसाद स्वरूप मिठाई खिलाती है
यह पल पूरे वर्ष के लिए यादगार पवित्र और अनोखा रहता है इसी एक दिन को देखने और अनुभव करने के लिए हम पूरे वर्ष रक्षाबंधन के इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं
यह त्यौहार इतना प्राचीन है कि इस त्यौहार को हम 6000 साल पहले रानी कर्णावती और सम्राट हिमायू के साथ जोड़ते हैं और यह वास्तविकता भी है क्योंकि हिमायू मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाला सम्राट था परंतु उसने मुस्लिम होने के बावजूद भी रानी कर्णावती की राखी की लाज को रखते हुए उसकी मदद की थी|
इस त्यौहार के आने से लगभग कुछ दिनों पहले ही सभी बहनों और भाई राखी त्यौहार की तैयारी करने लगते हैं भाई को यह चिंता परेशान करने लगती है कि उसे अपनी बहन को क्या उपहार देना है और बहन को यह चिंता रहती है कि वह इस बार कौन सी राखी बांधे यह प्रसंग थोड़ा हास्यप्रद है परंतु वास्तविकता है
इस त्यौहार के दिन सभी महिलाएं एक सुंदर सी पूजा की थाली को तैयार करती हैं उसे सुगंधित फूल, दीपक तिलक और धूप आदि से सजाती हैं और महिलाएं भगवान शिव, भगवान कृष्ण की पूजा कर अपने भाइयो को तिलक करती हैं और उन्हें मिठाईयां खिलाकर उनके हाथ में सुंदर राखियां बांधती हैं
उसके पश्चात भाई अपनी बहन को कीमती तोहफे और चॉकलेट आदि उपहार स्वरूप प्रदान करते हैं इस दिन लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार कथा व पूजा आदि कराकर अपने घरों में सुंदर और पवित्र मंत्रों का जाप कराते हैं जिससे इस त्यौहार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है
इस पावन उपलक्ष पर सभी लोग अपने घरों में स्वादिष्ट मिठाइयां और पकवान भी बनाते हैं और भगवान की पूजा के पश्चात उन्हें भोग लगाकर सभी मिल बाटकर मिठाइयों का आनंद लेते हैं इस त्यौहार में सुंदर और आकर्षक क्रियाकलापों के कारण ही यह त्यौहार इतना मनमोहक और यादगार रहता है|
इस त्यौहार का महत्व हम इसी बात से समझ सकते हैं कि फिल्मों, कवियों द्वारा रची गई उनकी रचनाओं, ग्रंथों और काव्यों आदि में भी इस पर्व की झलक और वर्णन देखने को मिलता है|
इस त्यौहार को मनाने का कोई विशेष कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है परंतु कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार हम यह मानते हैं कि पुराने समय में देवता और राक्षसों में युद्ध हो रहा था उस समय उस समय इंद्र की पत्नी के द्वारा पवित्र व शक्तिशाली मंत्रों से युक्त एक धागा इंद्रदेव की कलाई पर बांधा गया था जिस कारण उन्हें राक्षसों से युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी और संयोग से वह दिन "सावन माह में पूर्णिमा का दिन" था तभी से लोगों के मन में यह विश्वास बन गया कि इस दिन ईश्वर की प्रार्थना के पश्चात धागा बांधने से शक्ति, धन, सौंदर्य, बुद्धि आदि का विकास होता है तब से ही हम इस पावन त्योहार को मनाते आ रहे हैं|
इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई ऐतिहासिक कारण है परंतु उनमें से श्री कृष्ण और द्रोपदी की गाथा भी बहुत प्रसिद्ध है भगवान कृष्ण ने भी द्रोपदी को उसकी रक्षा का वचन दिया था और उन्होंने चीर हरण के दौरान द्रोपदी की रक्षा की और इस त्यौहार के महत्व को और भी अधिक प्रसांगिक और प्रसिद्ध बना दिया|
राखी का पर्व बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक पर्व है हम भारतीयों को इसके इतिहास को समझ कर एवं एकजुट होकर व पूर्ण श्रद्धा से इस पर्व को मनाना चाहिए यह पर्व भारतीय संस्कृति की एक अनोखी पहचान है और यह पर्व सभी लोगों को धार्मिक व भावनात्मक होने की सीख देता है
और अपने ऐतिहासिक तथ्यों के द्वारा हमें यह सीख देता है कि इस पर्व पर बांधे गए उस कच्चे धागे का क्या महत्व है और वह किस तरह से व्यक्ति को आत्मविश्वास प्रदान करता है इसलिए हमें इस पर्व को पूर्ण उत्साह और पवित्रता से मनाना चाहिए
क्योंकि यह पर्व इतना विशेष है कि इसे ऐतिहासिक समय से ही ना केवल मनुष्य वर्ग मना रहा है बल्कि देवी देवताओं ने भी इस पर्व के महत्व को समझ कर इसे मनाया है
यह पर्व भाई बहन के अनोखे रिश्ते को झलक और प्रकाशित करता है परंतु हमारे समाज में आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो महिला वर्ग के महत्व को नहीं जानते और उनके बारे में असहज सोच रखते है कई क्षेत्रों जैसे कार्य, शिक्षा, खेल आदि के लिए प्रयुक्त नहीं मानते|
इसलिए उन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त नहीं होते परंतु हमें इस सोच को बदल कर उनके महत्व को समझना है और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना है जिससे भविष्य में एक अच्छे समाज का निर्माण होगा और देश का विकास होगा
नमस्कार! दोस्तों मेरा नाम अरुण है मैं मुख्य रूप से दिल्ली से हूं और दिल्ली में शाहदरा के पास दिलशाद गार्डन क्षेत्र में रहता हूं|
मैं एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं मुझे स्कूल टाइम से ही नई - नई चीजों के बारे में पढ़ने और लिखने का शौक है में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हूं मुझे पर्यावरण व सामाजिक कार्य करने में काफी रूचि है इसी के साथ मैं कई वेबसाइट जैसे Tacknews जो एक New sarkari bharti की सुचना देने वाली वेबसाइट है पर भी कार्य करता हूं|